बाबरी मस्जिद किसने बनवाई थी,जाने इतिहास,कब और किसने बनवाया

 बाबरी मस्जिद किसने बनवाई थी,जाने इतिहास,कब और किसने बनवाया

बाबरी मस्जिद बाबर के नाम से जाना जाता है, बाबरी मस्जिद को बाबर ने बनाया था, वह राजा था प्रथम मुगल सम्राट के पहला राजा था इन्होंने ही 1527 में बाबरी मस्जिद का निर्माण किया था। बाबरी मस्जिद का नाम रखने वाला मीर बाकी ने इसका नाम बाबरी मस्जिद रखा था, बाबरी मस्जिद निर्माण करने वाला बाबर का नाम मोहम्मद जहीरूद्दीन बाबर था 14 फरवरी 1483 को पैदा हुआ था। मिर बाकी ने राजा के नाम से ही बाबरी मस्जिद रखा गया, बाबरी मस्जिद का इतिहास बाबर के नाम से ही जाना जाता है, बाबर एक ऐसा महान शासक था कि उन्होंने अपने सल्तनत में को काम करके दिखाया जो इतिहास के पन्नों पर लिखा गया है। जैसे कि इन्होंने बाबरी मस्जिद बना करके इतिहास राजा था इस तरह से इन्होंने कहीं ऐसे युद्ध भी किया ज्यादातर इस विजय प्राप्त हुआ बाबर के वंशज अकबर है।

बाबरी मस्जिद किसने बनवाई थी,जाने इतिहास,कब और किसने बनवाया


बाबरी मस्जिद किसने बनवाई:babri masjid kisne banaya

बाबरी मस्जिद के नाम से अयोध्या में रामकोट पहाड़ी के पास बाबर के किले पर एक मस्जिद थी उत्तर प्रदेश अयोध्या जिले में रामकोट पहाड़ी में बाबरी मस्जिद स्थापित थी जहां पर किसी विवाद के कारण हिंदू संगठनों में उसे तोड़कर अयोध्या मंदिर बना रहे हैं, बाबरी मस्जिद को तोड़कर हिंदू संगठन के कुछ लोग वहां पर बाबरी मस्जिद को तोड़कर ही मंदिर बना रहे हैं।

बाबरी मस्जिद को बाबर ने बनाया था ताकि वहां लोग अल्लाह के इबादत करें, लेकिन इसे बनाने का मकसद था कि लोग ईमान पर रहे और अच्छे कामों पर रीत रहे वहां पर तकरीर और अच्छी-अच्छी बातें सुनाया करता था जिससे लोग अल्लाह की इबादत करने के लिए उपस्थित रहते थे बाबरी मस्जिद बाबर के नाम से रखा गया है इसे रखने वालों का नाम मीर बाकी था इन्होंने बाबरी मस्जिद का नाम दिया था।

बाबरी मस्जिद का इतिहास यह रहा कि इस मस्जिद  को बाबर के द्वारा बनाया गया और मीर बाकी ने इनका नाम बाबरी मस्जिद रखा था।

1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ जब बाबरी मस्जिद को गिराया गया था उसके बाद उसके बाद से लोग इस मस्जिद को गिराने में लगे थे और यह एक विवाद बन गया था।

यानि बाबरी मस्जिद को तोड़कर ही मंदिर बनाया गया है और हिंदू संगठनों का कहना है कि मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाया गया था लेकिन ऐसा खबर अभी तक पुष्टि नहीं कर पाए उससे पहले ही कुछ ढांचे का जिक्र किया गया था लेकिन यह अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई कि यह ढांचे मंदिर का ही था या किसी और का था।

इससे पहले ही बावड़ी मस्जिद वहां पर स्थापित थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना कर हिंदू संगठनों के पक्ष पर यह फैसला कर दिया।


और 2024 में इस मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को रखा है वहां पर रामलीला करने जा रहे हैं बाबरी मस्जिद के पास और एक जगह है जहां पर मस्जिद का काम अभी शुरू नहीं हुआ है।

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